Monday, August 26, 2019

नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक ग़लती कीः इमरान ख़ान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है.

इमरान ख़ान कश्मीर मामले पर राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं. उनके संबोधन की मुख्य बातें-:

भारत आरएसस के नज़रिए की वजह से कश्मीर मामले पर बात करने से पीछे हट रहा है जो भारत को हिंदुओं का देश बनाना चाहता है.

नरेंद्र मोदी की ग़लती की वजह से कश्मीर के लोगों को आज़ादी का एक बड़ा मौक़ा मिल गया है. भारत के इस क़दम की वजह से कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गया.

सवा अरब मुसलमान संयुक्त राष्ट्र की ओर देख रहे हैं कि वो कश्मीर की मदद करते हैं कि नहीं.

अगर ये मसला जंग की ओर गया तो याद रखें कि दोनों मुल्क़ परमाणु शक्ति संपन्न मुल्क हैं. हम किसी भी हद तक जाएँगे.

इस जुमे को पूरे पाकिस्तान में हम 12 बजे से साढ़े 12 बजे तक आधे घंटे के लिए बाहर निकलकर कश्मीर के बारे में बताएँगे.

कश्मीरी लोग मुश्किल में हैं और हमें उनके साथ खड़ा रहना है. मैं ख़ुद कश्मीर का राजदूत बनकर सारी दुनिया के सामने उनकी बात उठाउँगा. 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र में सारी दुनिया के सामने कश्मीर की स्थिति बताउँगा.

मुसलमान हुक़ूमतें मजबूरी या तिजारत की वजह से आज हमारे साथ नहीं हैं तो भी बाद में वो हमारे साथ आएँगे.

हिंदुस्तान से हमने आते ही बात की और कहा कि हम कश्मीर का मसला बातचीत से सुलझा लेंगे मगर वो कोई नई बात शुरु कर देते थे और पाकिस्तान पर कोई ना कोई इल्ज़ाम लगा देते थे. हमने समझा चुनाव आ रहा है और इसलिए हम पीछे हट गए, उसके बाद पुलवामा हो गया. उन्होंने इसके लिए सीधे हमपर उंगली उठाई.

हमने सोचा शायद चुनाव के बाद वो बातचीत के लिए मान जाएँगे. मगर हमने देखा कि चुनाव के बाद उन्होंने पूरी कोशिश की कि पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाए.

हिंदुस्तान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अपने संविधान सबके ख़िलाफ़ गए, नेहरु ने जो वादे किए थे उसके भी ख़िलाफ़ गए, इन्होंने सेकुलरिज़्म को भी ख़त्म किया.

Monday, August 19, 2019

अफ़ग़ानिस्तान: शादी मंडप में 63 लोगों की हत्या पर दूल्हे की आपबीती

शनिवार को अफ़ग़ानिस्तान के काबुल में एक शादी समारोह में हुए आत्मघाती हमले के बाद दूल्हे ने कहा है कि इस जानलेवा हमले के बाद उनकी सारी उम्मीदें ख़त्म हो गई हैं.

टोलो न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में मीरवाइज़ इल्मी ने कहा कि हमले में वो किसी तरह बच गए लेकिन जो 63 लोग मारे गए उनमें उनके भाई और कई रिश्तेदार शामिल हैं.

इस हमले में क़रीब 180 लोग ज़ख़्मी हुए हैं. हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है.

देश के राष्ट्रपति अशरफ़ गनी ने इसे "बर्बर" हमला कहा है और तालिबान पर आरोप लगाया है कि वो "चरमपंथियों को मंच दे रहा है."

इधर अमरीका के साथ शांति वार्ता कर रहे तालिबान ने इस हमले की आलोचना की है.

मीरवाइज़ इल्मी ने इंटरव्यू में बताया कि शादी के दिन वो ख़ुश थे और उनसे मिलने आए नाते-रिश्तेदारों से मुलाक़ात कर रहे थे. शादी का हॉल खचाखच भरा था लेकिन कुछ ही घंटों में वहां लाशों का ढेर लग गया.

उन्होंने कहा, "मेरा परिवार और दुल्हन अभी भी सदमे में हैं. वो बात करने की स्थिति में नहीं हैं. मेरी दुल्हन रह-रह कर बेहोश हो जाती है."

"मेरी सारी उम्मीदें ही टूट गई हैं. मैंने अपना भाई खो दिया. कुछ ही घंटों के भीतर मेरे दोस्तों और मेरे कई रिश्तेदारों की मौत हो गई. मैं ज़िदगी में फिर कभी ख़ुश नहीं हो पाऊंगा."

"अब मेरी हिम्मत नहीं कि मैं जनाजों में जा सकूं. मैं ख़ुद काफ़ी थका महसूस कर रहा हूं. मैं जानता हूं कि हम अफ़ग़ानों के लिए ये दर्द आख़िरी नहीं है. हमें अभी और भी दुख देखना है."

दुल्हन के पिता ने मीडिया को बताया है कि शनिवार को हुए हमले में उनके परिवार के 14 लोगों की मौत हुई है.

इस्लामिक स्टेट ने एक बयान जारी कर कहा है उनके एक लड़ाके ने एक जगह पर बड़ी संख्या में इकट्ठा लोगों के बीच ख़ुद को उड़ा लिया. इसके बाद जब आपात सेवाएं पहुंचीं तो "विस्फोटकों से भरी गाड़ी ले जाकर वहां पर धमाका किया."

ये धमाका जिस ज़िले में हुआ वहां बहुसंख्यक शिया मुसलमान रहते हैं.

अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के सुन्नी मुसलमान लड़ाके, अल्पसंख्यक शिया हज़रा मुसलमानों पर हमले कर रहे हैं.

शादी में शामिल हुए एक मेहमान 23 साल के मुनीर अहमद फ़िलहाल अस्पताल में हैं. वो कहते हैं कि उनके रिश्ते के एक भाई इस हमले में मारे गए हैं.

समाचार एजेंसी एएफ़पी ने को उन्होंने बताया, "जिस वक़्त धमाका हुआ उस वक़्त शादी में आए लोग नाच रहे थे और ख़ुशियां मना रहे थे."

"धमाके के बाद वहां पर अफ़रातफ़री मच गई. हर तरफ़ से चीखने और रोने की आवाज़ें आ रही थीं. लोग अपनों को खोज रहे थे."

अफ़ग़ानिस्तान में अक्सर शादियां बड़े हॉल में होती हैं जहां पुरुष मेहमानों और महिला मेहमानों के लिए अलग-अलग बैठने की जगहें होती हैं.

飘流瓶:俄罗斯水手的瓶中信 50年后在美国被发现

美国阿拉斯加一名男子在收集柴木时,意外发现一封五十年前的瓶中信。

泰勒·伊万诺夫发现信件是以俄罗斯文书写的,后来将此信件的照片上传至脸书,希望有人翻译成英文。后来发现,信件是由一名俄罗斯舒拉克号船的航海员,于1969年6月20日书写。

其后,俄罗斯媒体跟进报道,找到这名写信的航海员阿纳托利·博察年科船长。

伊万诺夫表示,他在家乡希什马廖夫以西32公里的地方收集柴木时,发现了封着塑胶密封塞的玻璃瓶,里面藏有一封信件。

"我很用力拉。甚至得用牙齿才把瓶塞拉出来,"他向诺娒金报说。"瓶里仍然是干的,散发出一阵葡萄酒的气味,或是任何一种陈年老酒的味。信件却是干的。"

信件中的内容清晰可见,社交媒体也将内容翻译:

"俄罗斯远东船队 VRXF 舒拉克号向你问好!我恳请你找到这封瓶中信的人,向海参崴 -43 BRXF 舒拉克号全体船员回应。我们祝愿你身体健康,长命百岁,航海快乐。1969年6月20日。"

阿纳托利·博察年科船长还健在,今年已经86岁的他得知瓶中信的下落时,他流下高兴的眼泪。

他向俄罗斯 1 电视台表示:"这看起来很像我的笔迹。一定是!东方渔业船队。"

博察年科船长在1966年监督建造舒拉克号,并在其航行至1970年。

伊万诺夫在社交媒体上表示,"一张小小的照片能演变成故事"真是十分神奇。他更会考虑在未来自己写一封瓶中信。

Friday, August 9, 2019

增兵、修法、驱逐大使:印巴冲突,克什米尔成对决场?

  8月5日,印度对印控克什米尔地区采取“最重大的政治举动”,以一纸行政令取消该地区的自治地位,该举动遭批“捅了马蜂窝”。7日,巴基斯坦做出回应,宣布降低与印度的外交关系级别,并召回驻印外交官。

  作为过去近70年全球军事对抗风险最高的地区之一,印巴纷争的核心——克什米尔地区,会再次陷入战乱么?

  8月2日,印度就已为两国可能要面临的冲突埋下伏笔。印方宣布,鉴于印控克什米尔地区面临的恐袭风险,决定增兵2.8万人。印方还在第二天,建议游客等离开该地。直到8月5日,印度才显露真实意图,新德里以总统行政命令,废除了赋予印控克什米尔地区特殊地位的宪法第370条。

  印度这一决定,一石激起千层浪。因为对印控克什米尔地区来说,370条款意味着几乎所有政治领域的自主权。该地区因370条款而享有自治权,并拥有自己的邦议会和邦政府。印度宪法只在国防、外交和通信等领域,适用于该地区。

  中国外交学院战略与和平研究中心主任苏浩对中新网记者表示,印度废除印控克什米尔地区的特殊地位,就是把该地区当成印度正常的一个邦的地位来对待。此举将使印巴在该问题上的争端复杂化。

  8月5日,巴基斯坦对印度的决定强烈谴责,并誓言“报复”。7日,巴方宣布降低与印度的外交关系级别,暂停与印度的双边贸易。巴外交部长库雷希称,巴方将召回驻印外交官,并驱逐驻本国的印度外交官。巴总理伊姆兰•汗表示,将“检讨双边机制”,并要求军方继续“提高警觉”。

  有宪法专家指出,印度的这项决定在法律上存在争议,因为此类决定须先得到克什米尔地区地方议会及政府的同意。但该邦议会众议院早在2018年,就被印度以“恐怖主义与暴力”增加为由而解散。

  在印度废除370条款的消息传出后,印控克什米尔地区街头爆发了示威游行,印度安全部队逮捕了100多人。在追捕过程中,一名警察还被民众丢掷的石块击伤。

  8月5日,印控克什米尔地区的各主流政党领袖均遭到软禁。7日,该地区仍在实施安全封锁。“我们在那里就像囚犯一样,”当地时间7日下午,飞离该邦的一位商人表示,“除了邻居,我们不能与任何人沟通……”

  那么,印度为何突然对克什米尔地区“开刀”?中国社会科学院亚太与全球战略研究院副研究员吴兆礼表示,这其实是莫迪所领导的印度人民党的政治需求。在印度大选期间,该党的口号就是“改变克什米尔现状”,莫迪政府系列举动,是为兑现竞选承诺;另外,印控克什米尔地区的安全局势近年来不断恶化。这两方面因素,促成了印度废除370条款。

  吴兆礼还对中新网记者表示,印巴关系转折,或许与印度国际地位提升有关。在综合国力上,印度要强于巴基斯坦。不过,吴兆礼分析称,在对外关系上,尤其在战略位置、资源等因素方面,比如美国反恐、美国撤军、美国对塔利班的和谈,都需要有巴基斯坦的作用在。因此,巴基斯坦并非没有牌。

  此外,印度对印控克什米尔发难的“时机很微妙”。吴兆礼分析称,巴基斯坦总理访美期间,美国有试图介入克什米尔争端的迹象,而印度并不接受这一立场,因为印度始终强调,要通过双边方式来解决这一问题。

  就在2019年2月,两国还曾“大打出手”:印度称,巴方应对印控克什米尔的一起袭击事件负责,遭巴方抗议。双方甚至将地面冲突升级至空中战场,一度走到大规模军事冲突边缘。

  克什米尔地区究竟有何特殊性,引得印巴频频交手?寻根究底,这个问题是印度和巴基斯坦两国自从分治以来,就结下的一个历史怨结。

  在1947年印巴分治时,克什米尔的归属问题就未得到解决。在两国所爆发的3场战争中,有2场是由该地区引发。直到1972年,印巴签署《西姆拉协议》,双方才重新设立控制线,将克什米尔分为两个部分,使地区形势总体趋于缓和。

  2003年,印巴曾签订过停火协议,决定结束控制线附近数年不断的流血争端。但2014年,新一届印度政府上台,对巴基斯坦立场变得强硬。一年后,印度指责巴方管辖一方的武装力量袭击印度空军基地,使印巴谈判陷入停滞。

  据统计,仅在2018年,就有500多人在印巴冲突中丧生,包括军警、平民和反叛武装成员。

  另外,吴兆礼分析称,克什米尔争端首先是领土问题。失去领土,从宪法上、从国家执政党方面来看,都有消极影响;其次,这一地区的地理位置很重要。该地区位于高纬度,具有冰川、水资源等。领土本身以及其重要的地理位置,都决定了克什米尔的特殊性。